शुक्र करें और मौज लें #mission_mauj_ley

 सवाल: लगभग हर इंसान इस कश्मकश से जूझ रहा है बहुत अच्छा प्वाइंट उठाया है सर अपने।।।

बहुत से लोग पूछते हैं कि जब सपने बिल्कुल बिखर जाएं, ज़िन्दगी एक बुरे मोड़ पर रुक जाए और कोई रास्ता ही न हो तो शुक्र कैसे करें?

हमे तो यह पसंद नहीं है क्योंकि जैसा सोचा था वैसा नहीं हुआ।

इसके लिए क्या जवाब होगा सर?


जवाब: Zainab Zaidi ji, जिस औरत के सपने बिखर गए हैं और उसे ऐसा लग रहा है कि अब कोई रास्ता ही नहीं है तो उसे बिल्कुल सही लग रहा है और

नाशुक्रों की पहचान यही है।

क़ुरआन में लिखा हुआ है कि नाशुक्रों के लिए अज़ाब और कष्ट है उनकी नाशुक्री के कारण।

मिसाल के लिए

एक औरत नाशुक्री सिर्फ़ इसलिए कर रही है कि उसका शौहर ग़ैर औरत के चक्कर में पड़ा है और वह रो रोकर हलकान हो रही है।

जबकि कई औरतों के पति उन्हें ग़ैर औरत के चक्कर में क़त्ल करके बोरी में भरकर नाले में फेंक चुके हैं।

यह औरत ज़िंदा है लेकिन यह औरत अपने ज़िंदा सलामत होने पर भी रब की शुक्रगुज़ार नहीं है।

इसके चेहरे पर किसी ने तेज़ाब नहीं फेंका और इसके पास एक हसीन सूरत है लेकिन यह अपनी हसीन सूरत के लिए भी शुक्रगुज़ार नहीं है।

ऐसी कई औरतों के पास औलाद होती है लेकिन वे उनकी माँ होने पर भी शुक्रगुज़ार नहीं हैं।

उनके पास इस लम्हे में ऐसी सैकड़ों चीज़ें हैं,

जो करोड़ों लोगों के लिए सपना है।

जैसे कि घर, औलाद और सेहत लेकिन इसे वे नेमतें नज़र नहीं आतीं।

अल्लाह ऐसे लोगों को अंधा, बहरा और गूंगा कहता है।

हज़ार काम बने हुए हैं और एक दो काम बिगड़ गए हैं।

अब औरत हज़ार नेमतें भूलकर ख़ुद को एक दो बिगड़े कामों से जज करके ख़ुद को बर्बाद और नाकाम मान रही है।

यह सोचने का सिर्फ़ एक एटीट्यूड है और सोसायटी के अधिकतर लोगों का एटीट्यूड यही है। यह नाशुक्री का एटीट्यूड है।

याद रखें कि एक औरत जिस भी हाल में है, दूसरी कुछ औरतें उससे भी बुरे हाल में हैं।

डेढ़ करोड़ औरतें अपनी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ वेश्या बनकर कमा रही हैं और ग़ुंडे उन पर हंटर बजा रहे हैं।

एक औरत जिस हाल में है, उसका हाल उससे भी ज़्यादा बुरा हो सकता है। उसे इस सच्चाई को देखने की ज़रूरत है।

वह अपने से ज़्यादा बुरे हाल वाली औरतों को देखे और रब का शुक्र करे कि मेरे हालात करोड़ों से बेहतर हैं।

जब वह ऐसा करेगी तो शुक्र से उसके लिए एक रास्ता ज़रूर बनेगा,

इन् शा अल्लाह!

सपने इसलिए पूरे नहीं हुए कि उसने इंग्लिश सीखने में और खाना पकाना सीखने में वक़्त दिया लेकिन उसने उन क़ुदरती क़ानूनों को नहीं सीखा, जिनकी हारमोनी में काम करने से अधिकतर सपने पूरे होते हैं।

इसे आजकल

#reality_creation कहा जाता है।

यह ज्ञान की दुनिया है। इसे रब ने अपने ज्ञान से अपने ज्ञान में बनाया है।

यहाँ कुछ पाना हो तो अगर शुक्र करने के तरीक़े का ज्ञान है तो उसे पाना मुमकिन है।

#शुक्र से हर बिगड़ी को बनाना मुमकिन है।

शुक्र इतना बड़ा सब्जेक्ट है कि तीन साल पढ़ने के बाद थोड़ा सा समझ आता है। इसे पूरी ज़िन्दगी समझना पड़ता है।

शुक्र से मायूसी और डिप्रेशन दूर होता है।

शुक्र से ख़ुदकुशी करने का विचार दूर होता है। औरत हो या मर्द, जिसे कोई रास्ता नज़र न आए; उसे रब का शुक्र करने की ज़रूरत है। जब मेंटल एटीट्यूड बदलता है तो रास्ता तलाश करने पर रास्ता ज़रूर मिलता है।

आजकल जो किसान व्यापारी और नौजवान क़र्ज़ और बेरोज़गारी से घबराकर आत्महत्याएं कर रहे हैं, वे सब शुक्र से अपने मसले हल कर सकते हैं।

टी०वी० पर शुक्र और सब्र की तालीम देने की ज़रूरत है।

Zainab zaidi: जी सर अच्छे पॉइंट्स हैं सेव कर ले रहे है अपने पास,,,,जज़ाक-अल्लाह

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