रोज़ी और ब्याह शादी के मसले का #instant_solution
हर देश धर्म के लोगों के सामने जब भी समस्याएं आईं तो कुछ लोगों ने उनका हल सचमुच तलाश कर लिया और वे मसले हल भी कर लिए। जिसकी मिसाल नार्वे और फ़िनलैंड जैसे देश हैं या मैं ख़ुद हूँ, #Alhamdulillah
जो लोग मसलों को हल नहीं कर पाए, वे हमेशा यही सोचते और लिखते रहे:
'हालात का तक़ाज़ा है कि उम्मत की तामीरे-नौ की जाए और इस तामीर का आग़ाज़ यही है कि उम्मत के अन्दर गहरा ईमानी शुऊर बेदार किया जाए।'
लेकिन यह काम किसी से ऐसे अब तक न हुआ कि मुस्लिम समाज के मसले हल हो जाएं या यह वैसा बन जाए जैसा कि मुफ़क्किर (Thinkers) सोचते हैं।
मुस्लिमों जैसा ही वैदिक धर्म के लोगों का हाल है। आज लोगों के घर में रोटी का मसला है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बेटियाँ बिना शादी के घर पर बैठी हैं। किसी के पास दवा के पैसे नहीं हैं और मुस्लिम और हिंदू नेता क़ौम की तामीरे नौ और राष्ट्र निर्माण में जुट गए।
ये तामीरे नौ और राष्ट्र निर्माण करते करते मर जाएंगे लेकिन यह काम उनसे पूरा न होगा क्योंकि इस काम में उनसे पहले भी लोग लगे थे, उनसे भी यह काम पूरा न हुआ और उनसे लोगों के मसले हल न हुए।
सब मज़हबी पेशवा, पुरोहित और लीडर इसी काम में मर गए। न उनसे यह काम हुआ और न रोटी और ब्याह के, दवा और सुरक्षा के ज़रूरतमंदों की ज़रूरत पूरी हुई।
क़ौम की तामीरे नौ और राष्ट्र निर्माण का चक्कर पेट भरे आला ख़ानदानी लोगों का शुग़ुल है। इसे आप उनके लिए छोड़ें और अपना मसला #Mission_Mauj_Ley के नियम से हल करें।
मेरे मिशन का नियम वैदिक नियम है।
'स्वयं यजस्व स्वयं जुषस्व' -वेद
स्वयं यज्ञ (अर्थात कर्म) कर और स्वयं फल भोग।
जब मैंने यह वेदमन्त्र पढ़ा तो मेरी आत्मा आलोकित हो गई क्योंकि इस मन्त्र का देवता आत्मा है। थोड़ा विस्तार से देखें:
ऋषिः प्रजापतिः । देवता आत्मा। छन्दः विराड् आर्षी अनुष्टुप् ।
स्वयं वार्जिंतुन्व कल्पयस्व स्वयं य॑जस्व स्वयं जुषस्व। महिमा तेऽन्येन न सुन्नशे -यजु० 23.15
( स्वयं ) स्वयं ( वाजिन्) हे बली आत्मन् ! तू
( तन्वं कल्पयस्व ) शरीर को समर्थ बना,
( स्वयं यजस्व ) स्वयं यज्ञ कर,
( स्वयं जुषस्व ) स्वयं फल प्राप्त कर।
( ते महिमा ) तेरी महिमा
( अन्येन न सन्नशे) दूसरे के द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती। |
इस मन्त्र को पढ़कर मेरा माईंड 'तू शरीर को समर्थ बना' के आदेश पर गया। आज शरीर को समर्थ बनाने के लिए हज़ारों जिम अच्छा बिज़नेस कर रहे हैं। लाखों लोग युवाओं को प्रोटीन सप्लीमेंट बेचकर करोड़ों कमा रहे हैं। मेरी बुआ का लड़का फ़रहान बेरोज़गार था। उसने जिम वालों को और डाक्टरों को शरीर को समर्थ बनाने वाले आयटम सेल करके काफ़ी अच्छी कमाई की है अल्हम्दुलिल्लाह!
सो लड़के के रोज़गार का मसला तो इस वेदमन्त्र से हल हो गया।
अब मसला बचा बहन बेटी को अच्छा ख़ूबसूरत मालदार रिश्ता मिलने का। अच्छे ख़ूबसूरत मालदार युवाओं से आजकल जिम भरा हुआ है। बहन बेटी का रिश्ता घर न आए तो बहन बेटी शहर के सब जिम में प्रोटीन प्रोडक्ट सप्लाई करने लगे। उसे दनादन कई रिश्ते मिल जाएंगे।
मौलाना रूमी कह गए हैं कि
What you seek is seeking you.
बहन बेटी उन सब युवकों के गुण परख ले। उनका लोएल्टी टेस्ट कर ले। जो ठीक लगे और मुहब्बत में दीवाना सा लगे, उसे अपने माँ बाप से मिलवा दे। यह वैदिक धर्म, इस्लाम, ईसाईयत और धर्म में और हर देश के क़ानून में जायज़ है।
#Allahpathy के अनुसार
जायज़ काम करने में शर्म और झिझक रूकावट #Resistance बने तो उस रूकावट को दूर करें।
आपने देखा कि क़ौम की तामीरे नौ और राष्ट्र निर्माण पूरा होने से पहले ही आपके रोज़ी और ब्याह शादी के मसले तुरंत हल हो गए।
आपका जो भी मसला हो, उसे ख़ुद हल करो।
बड़े लोग तो बड़े बड़े कामों में जुटे हुए हैं। उन्हें उस काम में लगा रहने दो। आपके काम का होना उन पर नहीं बल्कि अपनी आत्मा पर डिपेंड है। तुम अपनी आत्मा से काम लो। आत्मा परमात्मा का अंश है। परमात्मा परमेश्वर के गुणों का प्रतिबिंब है। जब आपकी आत्मा मदद करेगी तो वास्तव में आपको परमेश्वर की मदद मिलेगी। आप #आत्म_निर्भर बन जाएंगे।
आप कहेंगे कि यह शिक्षा तो हमारे दीन की किताबों में भी है। हाँ, यह शिक्षा सब ग्रंथों में है।
हर आदमी अपने धर्म के ग्रंथों को समाधान की नज़र से पढ़े तो उसे अपने ही ग्रंथ में समाधान मिल जाएगा।
वेद, क़ुरआन, बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब और हर ग्रंथ के समान सूत्रों पर ऐसे लिखने की ज़रूरत है, जिससे रोज़ी मिले, जिससे ब्याह शादी हो और जिससे सेहत और सलामती नसीब हो। जिससे आम और ख़ास आदमी की रोज़ाना की ज़िन्दगी के ज़रूरी मसले हल हों।
रोज़ाना की ज़िन्दगी के ज़रूरी मसले हल न हों और बड़े बड़े स्कॉलर्स सब धर्मों की समानता पर लिखते रहें तो उसे एक क़िस्म का जायज़ दीनी मनोरंजन समझें और मनोरंजन को भी ज़रूरी समझें। मनोरंजन एक ज़रूरत है। दीनी लोगों का मनोरंजन भी दीनी होता है।
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