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Showing posts from October, 2020

लेसिथिन से भरपूर काले तिल खाएं और पूरी मौज लें #mission_mauj_ley

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दोस्तो, जब कभी आप अपने अंदर दिमाग़ी ताक़त की कमी महसूस करें तो काले तिल खाया करें। काले तिल खाकर आप पूरी मौज ले सकेंगे जो कि आपका नेचुरल मिशन है। आप अपनी जेब में काले तिल रख लिया करें और थोड़ा थोड़ा खाते रहा करें क्योंकि दिमाग की बनावट में लैसिथीन 30% होता है जो कि काले तिल में भरपूर होता है। लेसिथिन नट्स और बीजों में ज़्यादा पाया जाता है।  लेसिथिन एक फ़ैट जैसा पदार्थ है जो फ़ोस्फ़ोलिपिड के रूप में जाना जाता है। लेसिथिन इतना अहम पदार्थ है कि यह शरीर की हर एक कोशिका में होता है, लेकिन यह दिमाग़, दिल, लिवर और गुर्दे में ज़्यादा होता है। इसलिए काले तिल दिमाग़, दिल, लिवर और गुर्दों को भी ताक़त देता है और पूरी मौज लेनी है तो दिमाग़, दिल, लिवर और गुर्दों को ताक़त देनी पड़ेगी। कोशिका झिल्ली, जो पोषक तत्वों को छोड़ने या सेल में प्रवेश करने की अनुमति देती हैं, काफी हद तक लेसिथिन से बनी होती हैं। इसे रोज़ खाने से दिमाग की कोशिकाओं और मांसपेशियों को ताक़त मिलती है। तिल में विटामिन-बी कॉम्प्लैक्स व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं। काले तिल बढ़ती उम्र के असर को भी कम करते हैं। बाल संबंधी ...

5-10 हज़ार रूपये से शुरू किया जा सकता है यह बिज़नेस

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किसी का सवाल: ऐसा कोई काम बताएँ  जो 5-10 हज़ार रूपये से चालू कर सकें। 🙏🙏🙏🙏 डा० अनवर जमाल का जवाब: किसी जिम के सामने अंडे, दूध, खजूर, ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर बेचने का काम 10,000 रूपए में किया जा सकता है। 

तुरंत कमाई शुरू करें, वेद, बाइबिल और क़ुरआन की समान शिक्षाओं से आत्मनिर्भर बनने का कम्पलीट कोर्स ऑनलाइन बिल्कुल मुफ़्त -Dr. Anwar Jamal

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  Part 1 आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह ने अपनी बुक में वेद, बाइबिल और क़ुरआन के समान सूत्र (कलिमा ए सवा) से सिखाया है धार्मिक सद्-भावना बढ़ाना। अब हम बेरोजगारों और ग़रीबों को वेद, बाइबिल और क़ुरआन के समान सूत्र (कलिमा ए सवा) से सिखाएंगे कमाना और दौलत बढ़ाना।। वेद, बाइबिल और क़ुरआन के समान सूत्र (कलिमा ए सवा) से रोज़ी कमाना एक नया और अनोखा आयडिया है, अल्हम्दुलिल्लाह! Part 2 आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी रहमतुल्लाहि अलैह ने जब WORK के दाईयों की रोज़ी रोटी के बारे में विचार किया तो उन्होंने खेती को पसंद किया। उन्हें ऐसा कोई आदमी नहीं मिला जो इतनी ज़मीन मिशन को दान करता और किसी ने ज़मीन दी भी नहीं। सो वर्क का हरेक कल्याणकारी कार्यकर्ता अपनी रोज़ी रोटी का इंतेज़ाम ख़ुद करता था। मौलाना का विचार यह था कि वेद, बाइबिल और क़ुरआन के समान सूत्र (समान मंत्र, कलिमा ए सवा) को सब धर्म के लोगों के सामने लाया जाए ताकि उनमें आपसी सद्भाव बढ़े और भारत विश्वगुरू बने। मैं 30 साल तक भारत को विश्वगुरू बनाने के लिए विभिन्न माध्यमों से विश्व भर को समान सूत्र पर लेक्चर और उपदेश देता रहा। ...