इस्लाम का अर्थ क्या है? Islam Ka Meaning
इस्लाम का अर्थ क्या है? अब आदमियों को इतना समझदार हो जाना चाहिए कि वे यह बात समझ लें कि अलग-अलग भाषाओं के लोग अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही रचयिता परमेश्वर का नाम लेंगे तो वे नाम उनकी भाषाओं में ही होंगे और इसीलिए वे अलग नाम होंगे। यह किसी तरह उचित नहीं है कि यह कहा जाए कि मेरा परमेश्वर तेरे 'इक ओंकार' से, तेरे रब से या तेरे गॉड से बड़ा है क्योंकि सबका रचयिता एक ही है। ऐसे ही संस्कृत भाषा के शब्द 'धर्म' को अरबी भाषा में धर्म नहीं कहा जा सकता और अरबी शब्द दीन को संस्कृत में दीन नहीं कह सकते क्योंकि दोनों भाषाओं में अलग-अलग शब्द होना स्वाभाविक है। यह समझ में आने वाली बात है कि संस्कृत शब्द #समर्पण का अरबी में अनुवाद #इस्लाम हो और मनुष्य का एकमात्र धर्म अपने रचयिता परमेश्वर के सामने अपना और अपनी इच्छाओं का समर्पण करना ही है। फिर दोबारा समझ लें कि अगर यह बात सही और सच है तो समर्पण को ही अरबी में इस्लाम कहते हैं। इसी बात को उर्दू में कहेंगे तो यह बात ग़लत नहीं हो जाती कि 'अपने रब के सामने ख़ुद को और अपनी ख़्वाहिशात को 'सुपुर्द करना' ही इंसान का फ़र्ज़ है...